Friday, November 13, 2015

राजा और कारीगर -Hindi Story

राजा और कारीगर -Hindi Story

एक राजा भव्य मंदिर का निर्माण
करा रहे थे ।
मंदिर निर्माण में असंख्य मजदूर
एवं कारीगर काम कर रहे थे ।
मंदिर निर्माण राजा का महत्वाकांक्षी
योजना था ।
एक दिन सुबह राजा भेष बदलकर
मंदिर निर्माण का कार्य देखने पहुंचे ।
उन्होंने वहां कार्य कर रहे एक
कारीगर से पूछा,
" आप क्या कर रहे हैं  ?"
उसने झुँझलाकर जवाब दिया,
हमारी किस्मत ही खराब है कि
इतना पढा लिखा होने के बाद
भी पत्थर तोड़ने का काम करना
पड़ रहा है ।
फिर वह बेमन से काम करने लगा ।
राजा आगे जाकर यही प्रश्न एक दूसरे
कारीगर से पूछा ।
उसने अनमने ढंग से जवाब दिया,
" यहाँ मैं रोजी रोटी के लिए काम कर
रहा हूँ तथा यहाँ काम करने में मुझे दिन
भर की मजदूरी  मिल जाती है । "
राजा ने यही प्रश्न एक और कारीगर
से पूछा तो उसने बड़े ही उत्साह
से जवाब दिया,
" यहाँ हमारे राजा एक भव्य मंदिर
बनवा रहे हैं और मुझे खुशी है की
उसमें मैं अपना सहयोग दे रहा हूँ ।
छेनी चलाकर जब मैं पत्थरों को
गढता हूँ तो उस आवाज में
मुझे मधुर संगीत सुनाई पडता है,
और मैं आनंदित होकर काम करता हूँ । "
राजा यह सुनकर बहुत खुश हुआ,
उसने उस तीसरे कारीगर को
अगले दिन ही मंदिर निर्माण के
लिए राज मिस्त्री नियुक्त कर दिया ।
और उन दो कारीगरों को
काम से निकाल दिया ।
----------------
दोस्तों यह कहानी में एक बड़ी
सीख दी गई है वह यह की
चाहे हम-आप जो भी काम करते
हों, छोटा या बड़ा हमे अपने काम
में गर्व महसूस करना चाहिए.
वे तीनों एक ही काम कर रहे थे,
लेकिन तीनों के अपने अपने काम
का नज़रिया अलग अलग था ।
वहीं तिसरे कारीगर को
उच्च पद मिला जबकी
उन दो कारीगरों को
काम से ही निकाल दिया गया ।
" चाहे आप जो भी काम करते हों,
    अपने काम पे गर्व करो और उसे पूरी उत्साह से करो!! "
 

No comments:

thanks

comment here frd