बंदरों का राजा - Hindi story
एक समय की बात है, दो बड़े चट्टान
थे ।
जिसके एक तरफ एक घना जंगल
था, जहाँ बहुत सारे आम के पेड़
थे ।
वहीं एक नदी थी, जो नदी चट्टान
से नीचे जाती थी ।
नीचे एक मनुष्यों का राज्य
था ।
वहीं उस चट्टान के दूसरी तरफ
बाँस से भरे घने जंगल थे ।
जंगल जहाँ आम के पेड़ थे,
वहाँ बहुत सारे बंदर रहते थे ।
उनका एक राजा भी था,
जो अपनी लंबी शरीर व बुद्धि के
लिये बहुत प्रसिद्ध था ।
एक दिन वह नदी किनारे एक आम
के पेड़ को देखा ।
उसने अपने बंदर साथियों को
आदेश दिया की
उस पेड के सारे आम को तोड़ कर
खाकर खत्म कर दें वरना
हमारा जंगल का खात्मा हो
जायेगा ।
बंदर उसके बातों के कारण को समझे तो
नहीं पर उनके आदेश को मानते
हुए पेड के सारे आमों को खत्म कर दिये
एक को छोडकर जो पत्तों के
पीछे छिपा था ।
समय बीता और आम के पकने का
समय आया ।
और एक दिन नदी के किनारे वाले
आम के पेड़ का वह बचा आम पक
कर नदी में गीर गया ।
बहते हुए वह मनुष्यों के राज्य मे
चला गया ।
वहीं उस राज्य का राजा नहा रहा था
उसे वह आम मिला
उसने उसे दरबार में ले गया
और मंत्री से पूछा " यह क्या है "
मंत्री ने बताया यह आम है जिसे
खाते हैं जो स्वादिष्ट होता है
राजा ने उसके टुकड़े करवाकर
दरबार के सभी को बटवा दिया
और उसे खाने लगे ,वह बहुत
मीठा था ।
राजा ने इस तरह के और फलों की
मांग की और मंत्रियों को कहा की
नदि के ऊपरी तरफ जाओ और
इस तरह के फल लाने को कहा ।
अगली ही दिन राजा भी मंत्रीयों के
साथ गया ।
बहुत दूर जाने पर वह आमों का जंगल
दिखा ।
परंतु वहाँ बहुत सारे बंदर थे और राजा वह
फल किसी के साथ बाँटना नहीं चाहता था
उसने उन सबको मारने का आदेश दे दिया ।
सैनिकों ने बंदरों को मारना शुरू किया
यह देख बंदरों के राजा ने सभी बंदरों को बचाने के लिए चट्टान की ओर भागने लगे
परंतु दोनों चट्टान के बीच में एक चौडी खायी थी जिसे पार करना मुश्किल था ।
बंदरों के राजा ने अपनी प्रजा को
बचाने के लिए दोनों चट्टानों के बीच लेटकर
एक रास्ता बनाया, और सभी को दूसरी तरफ
बाँस के जंगलों में जाने को कहा ।
सभी जाने लगे बंदरों के चलने से
उसके शरीर में चोट लगी
उसे दर्द भी हुआ, पर वह यह सब
आखिरी बंदर के पार करने तक सह
रहा था । आखिरी एक बंदर राजा
बंदर से जलता था, तो
उसने चट्टान पार करते समय
राजा बंदर के दिल पर भाले से वार कर दिया ।
वह चिल्ला उठा फिर भी उसके पार करने तक
दर्द सहता रहा ।
यह सब मनुषों के राजा ने देखा
उसे बड़ा दुख हुआ
उसने सैनिकों को आदेश दिया की उस
बंदर को लाकर किसी भी तरह
से बचाया जाये ।
जब सैनिकों ने उसे राजा के सामने लाया
तो वह आखिरी सांसें ले रहा था ।
राजा ने पूछा आपने ऐसा क्यों किया?
बंदर राजा ने बोला,
क्योंकि मैं उनका राजा हूँ ।
राजा ने बहुत दुख के साथ कहा,
बताइये मैं आपके लिये क्या कर सकता हूँ ।
बंदर राजा ने कहा,
हो सके तो मेरे मरने के बाद इन जंगल व
मेरे साथियों की रक्षा करें ।
यह कहते उसने दम तोड़ दिया ।
वह राजा बहुत दुखी हुआ
और उसी दिन से उन सभी बंदरों और जंगल के रक्षण के लिए सैनिक तैनात किये
और शिकार पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया ।
---------------------
दोस्तों कहानीयाँ तो हमें सीख देने के
लिए होती हैं
चाहे वो झूठी हो या सच्ची उससे कुछ न कुछ
सीख अवश्य मिलता है ।
इस कहानी मे राजा पहले आम के
लालच में सभी बंदरों को मारने चला था
वही उस राजा बंदर की बातें सुनकर
उसकी सारी लालच मीट गयी
और बंदरों व जंगल को बचाने में
लगा ।
मतलब यह कि भावनाओं व प्यार
से सभी को बदला जा सकता है
चाहे वह इंसान हो या जानवर ।
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थे ।
जिसके एक तरफ एक घना जंगल
था, जहाँ बहुत सारे आम के पेड़
थे ।
वहीं एक नदी थी, जो नदी चट्टान
से नीचे जाती थी ।
नीचे एक मनुष्यों का राज्य
था ।
वहीं उस चट्टान के दूसरी तरफ
बाँस से भरे घने जंगल थे ।
जंगल जहाँ आम के पेड़ थे,
वहाँ बहुत सारे बंदर रहते थे ।
उनका एक राजा भी था,
जो अपनी लंबी शरीर व बुद्धि के
लिये बहुत प्रसिद्ध था ।
एक दिन वह नदी किनारे एक आम
के पेड़ को देखा ।
उसने अपने बंदर साथियों को
आदेश दिया की
उस पेड के सारे आम को तोड़ कर
खाकर खत्म कर दें वरना
हमारा जंगल का खात्मा हो
जायेगा ।
बंदर उसके बातों के कारण को समझे तो
नहीं पर उनके आदेश को मानते
हुए पेड के सारे आमों को खत्म कर दिये
एक को छोडकर जो पत्तों के
पीछे छिपा था ।
समय बीता और आम के पकने का
समय आया ।
और एक दिन नदी के किनारे वाले
आम के पेड़ का वह बचा आम पक
कर नदी में गीर गया ।
बहते हुए वह मनुष्यों के राज्य मे
चला गया ।
वहीं उस राज्य का राजा नहा रहा था
उसे वह आम मिला
उसने उसे दरबार में ले गया
और मंत्री से पूछा " यह क्या है "
मंत्री ने बताया यह आम है जिसे
खाते हैं जो स्वादिष्ट होता है
राजा ने उसके टुकड़े करवाकर
दरबार के सभी को बटवा दिया
और उसे खाने लगे ,वह बहुत
मीठा था ।
राजा ने इस तरह के और फलों की
मांग की और मंत्रियों को कहा की
नदि के ऊपरी तरफ जाओ और
इस तरह के फल लाने को कहा ।
अगली ही दिन राजा भी मंत्रीयों के
साथ गया ।
बहुत दूर जाने पर वह आमों का जंगल
दिखा ।
परंतु वहाँ बहुत सारे बंदर थे और राजा वह
फल किसी के साथ बाँटना नहीं चाहता था
उसने उन सबको मारने का आदेश दे दिया ।
सैनिकों ने बंदरों को मारना शुरू किया
यह देख बंदरों के राजा ने सभी बंदरों को बचाने के लिए चट्टान की ओर भागने लगे
परंतु दोनों चट्टान के बीच में एक चौडी खायी थी जिसे पार करना मुश्किल था ।
बंदरों के राजा ने अपनी प्रजा को
बचाने के लिए दोनों चट्टानों के बीच लेटकर
एक रास्ता बनाया, और सभी को दूसरी तरफ
बाँस के जंगलों में जाने को कहा ।
सभी जाने लगे बंदरों के चलने से
उसके शरीर में चोट लगी
उसे दर्द भी हुआ, पर वह यह सब
आखिरी बंदर के पार करने तक सह
रहा था । आखिरी एक बंदर राजा
बंदर से जलता था, तो
उसने चट्टान पार करते समय
राजा बंदर के दिल पर भाले से वार कर दिया ।
वह चिल्ला उठा फिर भी उसके पार करने तक
दर्द सहता रहा ।
यह सब मनुषों के राजा ने देखा
उसे बड़ा दुख हुआ
उसने सैनिकों को आदेश दिया की उस
बंदर को लाकर किसी भी तरह
से बचाया जाये ।
जब सैनिकों ने उसे राजा के सामने लाया
तो वह आखिरी सांसें ले रहा था ।
राजा ने पूछा आपने ऐसा क्यों किया?
बंदर राजा ने बोला,
क्योंकि मैं उनका राजा हूँ ।
राजा ने बहुत दुख के साथ कहा,
बताइये मैं आपके लिये क्या कर सकता हूँ ।
बंदर राजा ने कहा,
हो सके तो मेरे मरने के बाद इन जंगल व
मेरे साथियों की रक्षा करें ।
यह कहते उसने दम तोड़ दिया ।
वह राजा बहुत दुखी हुआ
और उसी दिन से उन सभी बंदरों और जंगल के रक्षण के लिए सैनिक तैनात किये
और शिकार पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया ।
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दोस्तों कहानीयाँ तो हमें सीख देने के
लिए होती हैं
चाहे वो झूठी हो या सच्ची उससे कुछ न कुछ
सीख अवश्य मिलता है ।
इस कहानी मे राजा पहले आम के
लालच में सभी बंदरों को मारने चला था
वही उस राजा बंदर की बातें सुनकर
उसकी सारी लालच मीट गयी
और बंदरों व जंगल को बचाने में
लगा ।
मतलब यह कि भावनाओं व प्यार
से सभी को बदला जा सकता है
चाहे वह इंसान हो या जानवर ।
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