पूरा नाम – मोहनदास करमचंद गांधी.
जन्म – 2 अक्तुंबर १८६९.
जन्मस्थान – पोरबंदर (गुजरात).
पिता – करमचंद.
माता – पूतळाबाई.
शिक्षा – १८८७ में मॅट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण. १८९१ में इग्लंड में बॅरिस्टर बनकर वो भारत लौट आये.
विवाह – कस्तूरबा ( Mahatma Gandhi Wife Name – Kasturba Gandhi )
१८९३ में उन्हें दादा अब्दुला इनका व्यापार कंपनी का मुकदमा चलाने के लिये दक्षिण आफ्रिका को जाना पड़ा. जब दक्षिण आफ्रिका में थे तब उन्हें भी अन्याय-अत्याचारों का सामना करना पड़ा. उनका प्रतिकार करने के लिये भारतीय लोगोंका संघटित करके उन्होंने १८९४ में ‘नेशनल इंडियन कॉग्रेस की स्थापना की.
१९०६ में वहा के शासन के आदेश के अनुसार पहचान पत्र साथ में रखना सक्त किया था. इसके अलावा रंग भेद नीती के विरोध में उन्होंने ब्रिटिश शासन विरुद्ध सत्याग्रह आंदोलन आरंभ किया.
१९१५ में Mahatma Gandhi / महात्मा गांधीजी भारत लौट आये और उन्होंने सबसे पहले साबरमती यहा सत्याग्रह आश्रम की स्थापना की.
तथा १९१९ में उन्होंने ‘सविनय अवज्ञा’ आंदोलन में शुरु किया.
१९२० में असहयोग आंदोलन शुरु किया.
१९२० में लोकमान्य तिलक के मौत के बाद राष्ट्रिय सभा का नेवृत्त्व महात्मा गांधी के पास आया.
१९२० में के नागपूर के अधिवेशन में राष्ट्रिय सभा ने असहकार के देशव्यापी आंदोलन अनुमोदन देनेवाला संकल्प पारित किया. असहकार आंदोलन की सभी सूत्रे महात्मा गांधी पास दिये गये.
१९२४ में बेळगाव यहा राष्ट्रिय सभा के अधिवेशन का अध्यक्षपद.
१९३० में सविनय अवज्ञा आदोलन शुरु हुवा. नमक के उपर कर और नमक बनानेकी सरकार एकाधिकार रद्द की जाये. ऐसी व्हाइसरॉय से मांग की, व्हाइसरॉय ने उस मांग को नहीं माना तब गांधीजी ने नमक का कानून तोड़कर सत्याग्रह करने की ठान ली.
१९३१ में राष्ट्रिय सभे के प्रतिनिधि बनकर गांधीजी दूसरी गोलमेज परिषद को उपस्थित थे.
१९३२ में उन्होंने अखिल भारतीय हरिजन संघ की स्थापना की.
१९३३ में उन्होंने ‘हरिजन’ नाम का अखबार शुरु किया.
१९३४ में गांधीजीने वर्धा के पास ‘सेवाग्राम’ इस आश्रम की स्थापना की. हरिजन सेवा, ग्रामोद्योग, ग्रामसुधार, आदी विधायक कार्यक्रम करके उन्होंने प्रयास किया.
१९४२ में चले जाव आंदोलन शुरु उवा. ‘करेगे या मरेगे’ ये नया मंत्र गांधीजी ने लोगों को दिया.
व्दितीय विश्वयुध्द में महात्मा गांधीजी ने अपने देशवासियों से ब्रिटेन के लिये न लड़ने का आग्रह किया था, जिसके लिये उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. युध्द के उपरान्त उन्होंने पुन: स्वतंत्रता आदोलन की बागडोर संभाल ली. अंततः १९४७ में हमारे देश को स्वतंत्रता प्राप्त हो गई. गांधीजीने सदैव विभिन्न धर्मो के प्रति सहिष्णुता का संदेश दिया, १९४८ में नाथूराम गोडसे ने अपनी गोली से उनकी जीवन लीला समाप्त कर दी. इस दुर्घटना से सारा विश्व शोकमग्न हो गया था. वर्ष १९९९ में बी.बी.सी. व्दारा कराये गये सर्वेक्षण में गांधी जि को बीते मिलेनियम का सर्वश्रेष्ट पुरुष घोषित किया गया.
Mahatma Gandhi Book’s – महात्मा गांधी ग्रंथ – माय एक्सपेरिमेंट वुईथ ट्रुथ.
महात्मा गांधी विशेषता – भारत के राष्ट्रपिता, महात्मा
Mahatma Gandhi Death – मृत्यु – 30 जनवरी १९४८ में नथुराम गोडसे ने गोली मारकर उनकी हत्या की.
मोहनदास करमचंद गांधी / Mahatma Gandhi भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के निदेशक थे. उन्ही की प्रेरणा से १९४७ में भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हो सकी. अपनी अदभुत आध्यात्मिक शक्ति से मानव जीवन के शाश्वत मूल्यों को उदभाषित करने वाले, विश्व इतिहास के महान तथा अमर नायक महात्मा गांधी आजीवन सत्य, अहिंसा और प्रेम का पथ प्रदर्शित करते रहे.
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जन्म – 2 अक्तुंबर १८६९.
जन्मस्थान – पोरबंदर (गुजरात).
पिता – करमचंद.
माता – पूतळाबाई.
शिक्षा – १८८७ में मॅट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण. १८९१ में इग्लंड में बॅरिस्टर बनकर वो भारत लौट आये.
विवाह – कस्तूरबा ( Mahatma Gandhi Wife Name – Kasturba Gandhi )
Mahatma Gandhi In Hindi
आप उन्हें बापू कहो या महात्मा दुनिया उन्हें इसी नाम से जानती हैं, अहिंसा और सत्याग्रह के संघर्ष से उन्होंने भारत को अंग्रेजो के स्वतंत्रता दिलाई, उनका ये काम पूरी दुनिया के लिए मिसाल बन गया, वो हमेशा कहते थे बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत कहो, और उनका मानना था की सच्चाई कभी नहीं हारती, इस महान इन्सान को भारत में राष्ट्रपिता घोषित कर दिया, उनका पूरा नाम ‘मोहनदास करमचंद गांधी‘ / Mahatma Gandhi इनका जन्म पोरबंदर इस शहर गुजरात राज्य में हुआ था, गांधीजीने ने शुरवात में काठियावाड़ में शिक्षा ली बाद में लंदन में विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की. इसके बाद वह भारत में आकर अपनी वकालत की अभ्यास करने लगे, लेकिन सफल नहीं हुए. उसी समय दक्षिण अफ्रीका से उन्हें एक कंपनी में क़ानूनी सलाहकार के रूप में काम मिला, वहा महात्मा गांधीजी लगभग 20 साल तक रहे. वहा भारतीयों के मुलभुत अधिकारों के लिए लड़ते हुए कई बार जेल भी गए. अफ्रीका में उस समय बहुत ज्यादा नस्लवाद हो रहा था, उसके बारे में एक किसा भी है, जब गांधीजी अग्रेजों के स्पेशल कंपार्टमेंट में चढ़े उन्हें गाँधीजी को बहुत बेईजत कर के ढकेल दिया.
वहा उन्होंने सरकार विरूद्ध असहयोग आंदोलन संगठित किया. वे एक अमेरिकन लेखक हेनरी डेविड थोरो लेखो से और निबंधो से बेहद प्रभावित थे. आखिर उन्होंने अनेक विचारो ओर अनुभवों से सत्याग्रह का मार्ग चुना, जिस पर गाँधीजी पूरी जिंदगी चले, पहले विश्वयुद्ध के बाद भारत में ‘होम रुल’ का अभियान तेज हो गया, 1919 में रौलेट एक्ट पास करके ब्रिटिश संसद ने भारतीय उपनिवेश के अधिकारियों को कुछ आपातकालींन अधिकार दिये तो गांधीजीने लाखो लोगो के साथ सत्याग्रह आंदोलन किया, उसी समय एक और चंद्रशेखर आज़ाद और भगत सिंह क्रांतिकारी देश की स्वतंत्रता के लिए हिंसक आंदोलन कर रहे थे. लेकीन गांधीजी का अपने पूर्ण विश्वास अहिंसा के मार्ग पर चलने पर था. और वो पूरी जिंदगी अहिंसा का संदेश देते रेहे.
Mahatma Gandhi Biography In Hindi
एक नजर में Mahatma Gandhi Information/ महात्मा गांधीजी की जीवन कार्य :१८९३ में उन्हें दादा अब्दुला इनका व्यापार कंपनी का मुकदमा चलाने के लिये दक्षिण आफ्रिका को जाना पड़ा. जब दक्षिण आफ्रिका में थे तब उन्हें भी अन्याय-अत्याचारों का सामना करना पड़ा. उनका प्रतिकार करने के लिये भारतीय लोगोंका संघटित करके उन्होंने १८९४ में ‘नेशनल इंडियन कॉग्रेस की स्थापना की.
१९०६ में वहा के शासन के आदेश के अनुसार पहचान पत्र साथ में रखना सक्त किया था. इसके अलावा रंग भेद नीती के विरोध में उन्होंने ब्रिटिश शासन विरुद्ध सत्याग्रह आंदोलन आरंभ किया.
१९१५ में Mahatma Gandhi / महात्मा गांधीजी भारत लौट आये और उन्होंने सबसे पहले साबरमती यहा सत्याग्रह आश्रम की स्थापना की.
तथा १९१९ में उन्होंने ‘सविनय अवज्ञा’ आंदोलन में शुरु किया.
१९२० में असहयोग आंदोलन शुरु किया.
१९२० में लोकमान्य तिलक के मौत के बाद राष्ट्रिय सभा का नेवृत्त्व महात्मा गांधी के पास आया.
१९२० में के नागपूर के अधिवेशन में राष्ट्रिय सभा ने असहकार के देशव्यापी आंदोलन अनुमोदन देनेवाला संकल्प पारित किया. असहकार आंदोलन की सभी सूत्रे महात्मा गांधी पास दिये गये.
१९२४ में बेळगाव यहा राष्ट्रिय सभा के अधिवेशन का अध्यक्षपद.
१९३० में सविनय अवज्ञा आदोलन शुरु हुवा. नमक के उपर कर और नमक बनानेकी सरकार एकाधिकार रद्द की जाये. ऐसी व्हाइसरॉय से मांग की, व्हाइसरॉय ने उस मांग को नहीं माना तब गांधीजी ने नमक का कानून तोड़कर सत्याग्रह करने की ठान ली.
१९३१ में राष्ट्रिय सभे के प्रतिनिधि बनकर गांधीजी दूसरी गोलमेज परिषद को उपस्थित थे.
१९३२ में उन्होंने अखिल भारतीय हरिजन संघ की स्थापना की.
१९३३ में उन्होंने ‘हरिजन’ नाम का अखबार शुरु किया.
१९३४ में गांधीजीने वर्धा के पास ‘सेवाग्राम’ इस आश्रम की स्थापना की. हरिजन सेवा, ग्रामोद्योग, ग्रामसुधार, आदी विधायक कार्यक्रम करके उन्होंने प्रयास किया.
१९४२ में चले जाव आंदोलन शुरु उवा. ‘करेगे या मरेगे’ ये नया मंत्र गांधीजी ने लोगों को दिया.
व्दितीय विश्वयुध्द में महात्मा गांधीजी ने अपने देशवासियों से ब्रिटेन के लिये न लड़ने का आग्रह किया था, जिसके लिये उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. युध्द के उपरान्त उन्होंने पुन: स्वतंत्रता आदोलन की बागडोर संभाल ली. अंततः १९४७ में हमारे देश को स्वतंत्रता प्राप्त हो गई. गांधीजीने सदैव विभिन्न धर्मो के प्रति सहिष्णुता का संदेश दिया, १९४८ में नाथूराम गोडसे ने अपनी गोली से उनकी जीवन लीला समाप्त कर दी. इस दुर्घटना से सारा विश्व शोकमग्न हो गया था. वर्ष १९९९ में बी.बी.सी. व्दारा कराये गये सर्वेक्षण में गांधी जि को बीते मिलेनियम का सर्वश्रेष्ट पुरुष घोषित किया गया.
Mahatma Gandhi Book’s – महात्मा गांधी ग्रंथ – माय एक्सपेरिमेंट वुईथ ट्रुथ.
महात्मा गांधी विशेषता – भारत के राष्ट्रपिता, महात्मा
Mahatma Gandhi Death – मृत्यु – 30 जनवरी १९४८ में नथुराम गोडसे ने गोली मारकर उनकी हत्या की.
मोहनदास करमचंद गांधी / Mahatma Gandhi भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के निदेशक थे. उन्ही की प्रेरणा से १९४७ में भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हो सकी. अपनी अदभुत आध्यात्मिक शक्ति से मानव जीवन के शाश्वत मूल्यों को उदभाषित करने वाले, विश्व इतिहास के महान तथा अमर नायक महात्मा गांधी आजीवन सत्य, अहिंसा और प्रेम का पथ प्रदर्शित करते रहे.
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