Saturday, November 21, 2015

मैरी कॉम की कहानी

Mary Kom
पूरा नाम – मंगटे चुंगनेइजंग मैरी कॉम
जन्म      – १ मार्च १९८३
जन्मस्थान – काङथेइ, मणिपुर, भारत
पिता  –  मंगटे टोनपा कोम
माता  – मंगटे अखम कोम
विवाह – के. ओलनेर
बच्चें  – 3 बच्चे (Mary Kom Kids)

मैरी कॉम की कहानी – Mary Kom Biography In Hindi

मंगटे चुंगनेइजंग मैरी कॉम जो ज्यादातर एम्.सी. मैरी कॉम और साधारणतः मैरी कॉम के नाम से जानी जाती है. वे भारत की सर्वश्रेष्ठ बॉक्सर है. मैरी कॉम का जन्म पश्चिमी भारत के मणिपुर के चुराचांदपुर जिले के काङथेइ ग्राम में हुआ. उनके माता-पिता मंगटे टोनपा कोम, झूम क्षेत्र में कार्यरत थे. उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा लोकटक क्रिस्चियन मॉडल हाई स्कूल, मोइरंग में ग्रहण की और उच्च माध्यमिक शिक्षा सेंट सवीआर कैथोलिक स्कूल, मोइरंग से ग्रहण की. बादमे मैरी कॉम NIOS से ही अपनी परीक्षा देने लगी. जहा चुराचांदपुर कॉलेज से वह ग्रेजुएट हुई. बचपन से ही मैरी कॉम को एथलेटिक्स में दिलचस्पी थी और सन् 2000 में डिंगको सिंह ने उन्हें बॉक्सर बनने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने अपना प्रशिक्षण एम.नरजित से लेना शुरू किया, जो मणिपुर राज्य के बॉक्सिंग कोच थे.
मैरी कॉम पाँच बार विश्व बॉक्सिंग चैंपियन रह चुकी है और 6 विश्व चैंपियनशिप में हर एक में मैडल जितने वाली पहली महिला बॉक्सर है. वे “शानदार मैरी” के नाम से भी जाने जाते है, वे अकेली ऐसी भारतीय महिला बॉक्सर है जिन्हें समर 2012 के ओलिंपिक में चुनाव किया गया था, उन्होंने 51 kg की केटेगरी के अंदर अपने प्रतिस्पर्धी को हराकर ब्रोंज मैडल जीता. AIBA की विश्व महीला पहलवान की रैंकिंग में मैरी कॉम चौथे स्थान पर है. 2014 में इंचेओं, साउथ कोरिया के एशियाई खेलो में गोल्ड मैडल जितने वाली वे पहली भारतीय महिला बॉक्सर रही.

व्ययक्तिक जीवन – Mary Kom In Hindi

Mary Kom Family / मैरी कॉम  ने के. ओलनेर कोम से विवाह किया था और उन्हें 3 बच्चे भी हुए- एक का नाम के. खुपनेइवर और साथ ही दो जुड़वाँ भी थे. मैरी सन् 2001 में पहली बार अपने पती से मिली थी, उस समय मैरी लियेपुंजब और ओलनेर में हो रहे राष्ट्रिय खेलो की तयारी कर रही थी. और फिर 2005 में उन्होंने शादी कर ली.
मैरी कॉम ने देश में ही नही बल्कि विदेशो में भी कई रेकॉर्ड बनाये. और उन्होंने जल्द ही विश्व स्तर पर अपनी जित का परचम लहराया और भारत का नाम रोशन किया. वे एक महिला होने की वजह से कई बार उन्हें बुरी आलोचनाओ का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने इस और जराभी ध्यान ना देते हुए अपना पूरा ध्यान बॉक्सिंग में लगाया. और अंत में विश्वविजेता बनी.
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