Thursday, November 5, 2015

कहानी – The Boiled Frog – Motivational Story

  motivational Story
क्या आप जानते है, अगर एक मेंढक को ठंडे पानी के बर्तन में डाला जाए और उसके बाद पानी को धीरे धीरे गर्म किया जाए तो मेंढक पानी के तापमान के अनुसार अपने शरीर के तापमान को समायोजित या एडजस्ट कर लेता है|
जैसे जैसे पानी का तापमान बढ़ता जाएगा वैसे वैसे मेंढक अपने शरीर के तापमान को भी पानी के तापमान के अनुसार एडजस्ट करता जाएगा|
लेकिन पानी के तापमान के एक तय सीमा से ऊपर हो जाने के बाद मेंढक अपने शरीर के तापमान को एडजस्ट करने में असमर्थ हो जाएगा| अब मेंढक स्वंय को पानी से बाहर निकालने की कोशिश करेगा लेकिन वह अपने आप को पानी से बाहर नहीं निकाल पाएगा|
वह पानी के बर्तन से एक छलांग में बाहर निकल सकता है लेकिन अब उसमें छलांग लगाने की शक्ति नहीं रहती क्योंकि उसने अपनी सारी शक्ति शरीर के तापमान को पानी के अनुसार एडजस्ट करने में लगा दी है| आखिर में वह तड़प तड़प मर जाता है|

मेंढक की मौत क्यों होती है ??
ज्यादातर लोगों को यही लगता है कि मेंढक की मौत गर्म पानी के कारण होती है|
लेकिन सत्य यह है कि मेंढक की मौत सही समय पर पानी से बाहर निकलने की वजह से होती है| अगर मेंढक शुरू में ही पानी से बाहर निकलने का प्रयास करता तो वह आसानी से बाहर निकल सकता था|

हम इंसान है, मेंढक नहीं : Motivation

हमें भी परिस्थितियों और लोगों के अनुसार एडजस्ट करना पड़ता है | लेकिन हमें यह निर्णय लेना चाहिए कि हमें कब एडजस्ट करना है और कब परिस्थितियों से बाहर निकलना है|
अगर हम सही समय पर निर्णय नहीं ले पाए तो हमें परिस्थितियों एंव अन्य लोगों से वितीय, शारीरिक या भावनात्मक दुराचार का सामना करना पड़ेगा और हम धीरे-धीरे कमजोर होते जाएंगे| फिर कहीं ऐसा हो कि हम इतने कमजोर पड़ जाएँ कि उस चक्रव्यूह से कभी निकल ही पाएं|
Thanks…..



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