Friday, November 13, 2015

हवाई लक्ष्य


कहीं आपके लक्ष्य तो आपको असफलता की ओर नहीं ले जा रहे – Make SMART Goals Famous Zen Story in Hindi

हम में से ज्यादातर लोगों ने कहीं कहीं यह पढ़ा है कि हमें लक्ष्य बनाने चाहिए और लक्ष्य S.M.A.R.T. होना चाहिए- SMART लक्ष्य का मतलब है
§  Specific(स्पष्ट)
§  Measurable (मापां जा सकने योग्य)
§  Achievable (प्राप्त किया जा सके)
§  Realistic (वास्तविक)
§  Time-Bound (निर्धारित समय सीमा में पूरा होने लायक)
लेकिन हम में से ज्यादात्तर लोगों की समस्या यह है कि हमारे पास पर्याप्त समय होते हुए भी हम लक्ष्य को जल्दी से जल्दी प्राप्त करना चाहते है या फिर ऐसे लक्ष्य बना लेते है जो व्यावहारिक नहीं होते और उन्हें पूरा करने के लिए हमें दिन रात एक करना होता है| हम ऐसे लक्ष्य तो बना लेते है लेकिन अन्दर ही अन्दर हमें ऐसा लगता है कि हम इस लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकते और इसका नतीजा यह होता है कि हम एक दो दिन तो उस लक्ष्य के लिए जी तोड़ मेहनत करते है लेकिन एक दो दिन के बाद हमें वह लक्ष्य एक परेशानी लगने लगती है|
     हवाई लक्ष्य कभी समय पर पूरे नहीं होते Famous Zen Story in Hindi – हिंदी कहानी   शस्त्र विद्या का एक विद्यार्थी अपने गुरु के पास गया। उसने अपने गुरु से विनम्रतापूर्वक पूछा – “मैं आपसे शस्त्र विद्या सीखना चाहता हूँ। इसमें मुझे पूरी तरह निपुण होने में कितना समय लगेगा?” गुरु ने कहा – “10वर्ष। विद्यार्थी ने फ़िर पूछा – “लेकिन मैं इससे भी पहले इसमें निपुण होना चाहता हूँ। मैं कठोर परिश्रम करूँगा। मैं प्रतिदिन अभ्यास करूँगा भले ही मुझे 15 घंटे या इससे भी अधिक समय लग जाए। तब मुझे कितना समय लगेगा?” गुरु ने कुछ क्षण सोचा, फ़िर बोले – “20 वर्ष।   गुरु का यह कथन हमारी जिंदगी में भी लागू होता है| यह मनुष्य की स्वभाविक प्रकृति है कि अगर वह जैसा सोचता है वैसा नहीं होता तो वह दुःखी हो जाता है| जब हम अपने द्वारा बनाये हुए लक्ष्य (TARGET) को ही पूरा नहीं कर पाते तो हमारा आत्मविश्वास डगमगाने लगता है| जब हमारे लक्ष्य पूरे होते दिखाई नहीं देते तो हमारे पास दो उपाय होता हैया तो लक्ष्य को बदल दो और या फिर समय सीमा को बढ़ा दो| ये दोनों ही उपाय हमारे आत्मविश्वास को कम कर देते है इसलिए बेहतर यही होता है लक्ष्य व्यावहारिक होने चाहिए| कबीर दास जी का एक दोहा काफी प्रचलित है धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय|” अर्थ:- कबीर दास जी कहते है कि हमेशा धैर्य से काम लेना चाहिए| अगर माली एक दिन में सौ घड़े भी सींच लेगा तो भी फल तो ऋतु आने पर ही लगेंगे|   इसलिए बेहतर यही है कि धैर्य से काम लिया जाए और व्यावहारिक लक्ष्य रखें जाएँ क्योंकि जब आप अपने छोटे से छोटे लक्ष्य को भी हासिल कर लेते है तो यह आपका आत्मविश्वास कई गुना बढ़ा देता है जिससे हमारी कार्यक्षमता बढ़ जाती है और हम तय लक्ष्य से ज्यादा हासिल कर पाते है|

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