Friday, November 20, 2015

इंसान हमेशा वो बन जाता है जो वो होने में वो यकीन करता है. अगर मैं खुद से यह कहता रहूँ कि मैं इस चीज को नहीं कर सकता, तो यह संभव है कि मैं शायद सचमुच में वो करने में असमर्थ हो जाऊं. और इसके विपरीत अगर मैं यह यकीन करूँ कि मैं ये कर सकता हूँ, तो मैं निश्चित रूप से उसे करने की क्षमता पा  ही लूँगा, फिर भले ही शुरू में मेरे पास वो क्षमता ना रही हो.

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