Monday, November 23, 2015

प्रतिभाताई पाटिल की जीवनी

पूरा नाम :- प्रतिभा देवीसिंह शेखावत.
जन्म :-  19 दिसम्बर 1934.
जन्मस्थान :-  नाडेगाव, जि .बोदवड, महाराष्ट्र.
पिता :-  नारायण राव पाटिल.
प्रतिभाताई पाटिल की जीवनी  / Pratibha Patil 
प्रतिभा देवीसिंह पाटिल भारत की पहली महिला राष्ट्रपति / First Woman President Of India  तथा क्रमानुसार 12 वी राष्ट्रपति रह चुकी है. जब प्रतिभा पाटिल/ Pratibha Patil  राष्ट्रपति बनी थी तभी उन्होंने एक इतिहास रचा था. क्यू की भारत के सर्वोच्च पद पर रहने वाली वह पहली महिला थी. पेशे से वह एक वकील है, उन्होंने राजस्थान की राज्यपाल के रूप में भी सेवा की है. उनका जीवन यही तक सिमित नही है. अपने 28 साल के लम्बे राजनितिक जीवन में, वे बहोत से पदों पर कार्यरत रही. अपने 28 साल के करियर में वे शिक्षा मंत्री बनी, सामाजिक कार्य अधिकारी और इसी तरह के कई पदों पर विराजमान रही. लेकिन किसी भी पद पर रहते हुए उन्होंने हर बार अपनी काबिलियत को उस पद के बराबर साबित किया. राजनैतिक जीवन में अपने इसी गहरे अनुभवों के कारन ही उन्हें भारत के राष्ट्रपति के रूप में नियुक्त किया गया. प्रतिभा ताई पाटिल को राजनिति में आने की प्रेरणा उनके पिता से मिली. अपने कठिन परिश्रम, लगा, चाह और कुछ करने की इच्छा से आज उन्होंने अपना नाम भारतीय इतिहास के सुनहरे पन्नो पर दर्ज कर दिया है, जिसे सदियों तक याद रखा जायेंगा. आइये अब हम उनके जीवन, करियर और उनकी उपलब्धियों के बारे में विस्तार से जाने.
प्रतिभाताई पाटिल प्रारंभिक जीवन / Pratibha Patil Biography In Hindi
उनका जन्म महाराष्ट्र के जलगाव जिले के बोदवड तहसील के नाडेगाव में 19 दिसम्बर 1934 को हुआ था. उनके पिता नारायण राव स्थानिक राजनेता थे. उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा आर.आर. विद्यालय, जलगाव से ग्रहण की और गवर्नमेंट लॉ कॉलेज, मुंबई से लॉ डिग्री प्राप्त की. उनके महाविद्यालयीन दिनों में, वे सक्रीय रूप से खेलो में भाग लेती थी. 1962 में उन्हें ऍम.जे. कॉलेज की कॉलेज क्वीनकी पदवी से नवाजा गया. 7 जुलाई 1965 को उन्होंने डॉ. देवीसिंह रामसिंह शेखावत से शादी कर ली, उन्हें दो बच्चे हुए. एक बेटा, राजेन्द्र सिंह और एक बेटी ज्योति राठौड.
प्रतिभाताई पाटिल करियर / Information About Pratibha Patil In Hindi
उन्होंने अपने करियर की शुरुवात जलगाव के जिला कोर्ट में शामिल होकर की. 27 साल की आयु में ही उन्हें महाराष्ट्र राज्य विधानमंडल के जलगाव निर्वाचन क्षेत्र में चुना गया. लगातार 4 तक वे मुक्ताई नगर निर्वाचन क्षेत्र से MLA नियुक्त की गयी. साथ ही वे महाराष्ट्र निर्वाचन क्षेत्र के कई पदों पर भी विराजमान थी. 1967 से 1972 तक, उन्होंने स्थानिक शिक्षामंत्री के रूप में सेवा की, और साथ कई सामाजिक कार्य भी करते रहे. उन्हें शिक्षा, स्वास्थ और ग्रामीण विकास से संबंधित कई कार्य किये. प्रतिभा ताई पाटिल महाराष्ट्र निर्वाचन क्षेत्र के नेता के रूप में काम करती थी. और इसके साथ ही वह राज्यसभा में व्यापारी सलाहकार समिति की अध्यक्ष भी थी. 8 नवम्बर 2004 को वह राजस्थान की राज्यपाल बनी और 2007 तक उस पद पे विराजमान रही. 25 जुलाई 2007 को, वह भारत के 12 वे राष्ट्रपति के रूप में विराजमान रही.
राष्ट्रपति चुनाव में प्रतिभा पाटिल ने अपने प्रतिद्वंदी भैरोसिंह शेखावत / Bhairon Singh Shekhawat  को तीन लाख से ज्यादा मतों से हराया था. 1982 से 1985 तक वे फिर से वे महाराष्ट्र सरकार में शहरी विकास और आवास तथा 1985 में वे राज्यसभा पहोची और 1986 में राज्यसभा की उप-सभापति बनी. पाटिल प्रदेश कांग्रेस समिति, महाराष्ट्र की अध्यक्षा (1988-1990), राष्ट्रिय शहरी सहकारी बैंक संस्थाओ की निदेशक, भारतीय राष्ट्रिय सहकारी संघ की शासी परिषद की सदस्य रह चुकी है. और साथ ही वे राष्ट्रिय सामाजिक समाज कल्याण कांफ्रेंस में भी उपस्थित रह चुकी है. उन्हें वर्ष 1991 में दसवी लोक सभा (संसद का निचले सदन) के लिए निर्वाचित किया गया. उन्होंने 1985 में इंटरनेशनल कांफ्रेंस में शिष्टमंडल के सदस्य के रूप में बुल्गारिया में, महिलाओ की स्थिति पर ऑस्ट्रिया के सम्मलेन में शिष्टमंडल की अध्यक्ष के रूप में लंदन में और 1988 के दौरान आयोजित राष्ट्र्मंडलीय अधिकारी सम्मलेन में, चीन के बीजिंग शहर में विश्व महिला सम्मलेन में भाग लिया.
योगदान
भारत के विकास में उनका बहोत बड़ा सहयोग रहा है. और साथ ही महिला विकास, समाज कल्याण और बच्चो की शिक्षा के क्षेत्र में भी उन्होंने बहोत से विकास कार्य किये है. उनके विकास के लिए उन्होंने बहोत ही सार्वजानिक संस्थाओ का भी निर्माण किया. मुंबई और दिल्ली में महिलाओ के लिए उन्होंने हॉस्टल का निर्माण किया. और ग्रामीण विकास के लिए इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना भी की. उनके द्वारा निर्मित श्रम साधना संस्था ने भी उनकी सहायता से कई सामाजिक सारी किये और ग्रामीण क्षेत्र का विकास करने लगे. उन्होंने ग्रामीण और शहरी महिलाओ को बहोत सी सुविधाए प्रदान की. प्रतिभा ताई ने अपाहिज बच्चो के लिए जलगाव में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था का भी निर्माण किया. और साथ ही विमुक्त जाती, गरीब और इच्छुक बच्चो के लिए उन्होंने महाराष्ट्र के अमरावती जिले में उन्हें शिक्षा उपलब्ध करवाई. उन्होंने किसानो को उपर्युक्त खेती प्रशिक्षण देने के लिए कृषि विज्ञानं केंद्र की स्थापना अमरावती में की. महाराष्ट्र में महिलाओ के विकास में उनका सबसे बड़ा हाथ रहा है. उन्होंने गरीबो को आधुनिक शिक्षा उपलब्ध करवाई. और आज भी वे अपना ये काम सफल तरीके से कर रही है.
घटनाक्रम
1934 – महाराष्ट्र के नायगाव में जन्म लिया.
1962 – एम.जे. कॉलेज में कॉलेज क्वीनकी उपाधि दी गयी.
1965 – डॉ. देवीसिंह रामसिंह शेखावत से शादी की.
1967-72 – सहायक मंत्री के रूप में काम किया और साथ ही सामाजिक स्वास्थ, पर्यटन विभाग में भी कार्यरत रही. और भारत सरकार में विभिन्न पदों पर रही.
1972-74 – सामाजिक कल्याण की कैबिनेट मंत्री बनी.
1974-75 – सामाजिक स्वास्थ और कल्याण मंत्री बनी.
1975-76 – महाराष्ट्र सरकार के मंत्रिमंडल की शराबबंदी, स्वास्थ और संस्कृति मंत्री बनी.
1977-78 – महाराष्ट्र सरकार के मंत्रिमंडल की शिक्षा मंत्री बनी.
1979-1980 – CDP की विरोधी नेता बनी.
1982-83 – शहरी एवम ग्रामीण विकास मंत्री बनी.
1983-85 – मंत्रिमंडल की सिविल सप्लाइज (Civil Supplies) और सामाजिक कल्याण मंत्री बनी.
1986-88 – राज्यसभा की अध्यक्षा बनी और व्यापारी सलाहकार समिति, राज्यसभा की सदस्य बनी.
1988-90 – महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस समिति (PCC) की अध्यक्षा बनी.
1991-96 – घरेलु समिति, लोकसभा की अध्यक्षा बनी.

2004-07 – राजस्थान की राज्यपाल बनी.


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