Sunday, November 15, 2015

तोडना आसान जोड़ना मुश्किल

तोडना आसान जोड़ना मुश्किल


Inspiring Story In Hindi | Inspiring Story In Hindi

Inspiring Story In Hindi

एक समय की बात है जब दो भाई, एक दुसरे के सामने ही पास वाले खेत में रहते थे. और 40 साल तक बिना किसी झगडे के वे मशीन बाटते थे, मजदुर खरीदते थे और जरुरत के अनुसार वस्तुए भी खरीदते थे. उनके बिच लम्बे सहयोग के बाद एक गलतफहमी हो गयी. और बहोत बड़ा झगडा भी हुआ, ग़लतफ़हमी से शुरू हुई ये अनबन कई हफ्तों तक चली और कुछ समय की शांति के बाद अब उनमे बहोत बदलाव आया और अब वो गलत फहमी कडवे शब्दों में बदल चुकी थी.
एक सुबह जॉन के दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी. उसने दरवाज़ा खोला और पाया की बढई अपने सामान का बड़ा बक्सा लेकर खड़ा था. उसने बड़े भाई से कहा की वो कुछ दिनों से काम ढूंड रहा है. और नम्रता पूर्वक उसने पूछा की क्या उनके पास कोई छोटा-मोटा काम है जिसे वह कर सकता है? क्या वह उनकी मदत कर सकता है? ये सुनकर तुरंत जॉन (बड़े भाई) ने कहा, “हां, मेरे पास तुम्हारे लिए कोई काम है.”
उस खेत में नाले के उस पार देखो, वहा मेरा पडोसी है, पडोसी नहीं बल्कि मेरा छोटा भाई है. कुछ हफ्तों पहले हमारे बिच नाले पर एक घास का ढेर था, जो उसमे बुलडोज़र की मदत से हटा दिया (क्यू की छोटा भाई चाहता था की वो वहा पुल बनाये). ये सब उसने द्वेष और जलन की भावना से किया. तुम वो इमारती लकडियो का बाड़ा देखो? मै चाहता हु की तुम मेरे लिए भी एक बाड़ा बनाओ जो 8 फीट का हो, ताकि मै इस जगह को और उसके चहेरे को ना देख सकू. इस पर बढई कहता है की, “मुझे लगता है की मै इस परिस्थिती को समझ सकता हु. तुम मुझे कुछ किले दो और एक गड्डा खोदने वाला मनुष्य दो, तुम जो चाहते हो वो काम में निच्छित ही करूँगा.”
बड़े भाई को गाव में जाना था ताकि वो उस बढई की जरुरत का सामान लाने में मदत कर सके और फिर पूरा दिन आराम से खेत में काम कर सके. वो बढई पूरा दिन मुश्किल काम करता रहा जैसे लकडिया गिनना, खोदना,चुनना. शाम होने तक जब किसान (दोनों भाई) वापिस आ रहे थे तब तक उसका काम खत्म हो चूका था.
उन दोनों भाइयो की आखे खुली के खुली रह गयी क्यू की वहा कोई बाड़ा नहीं था. वहा पर सिर्फ और सिर्फ एक पुल था जो नाले के दोनों तरफ फैला हुआ था. उसने संतोषजनक काम किया था. और तब दोनों को अपनी-अपनी गलतियों का अहसास हो चूका था और उनके बिच की ग़लतफ़हमी भी दूर हो गयी थी.
बढ़ई ने बड़े भाई द्वारा दिए काम को छोड़कर दोनों भाइयो के बिच के रिश्ते का पुल बनाने का काम किया था, जो निच्छित ही प्रेरणास्पद था. उसके पडोसी, उसका छोटा भाई सभी उसी की तरफ आ रहे थे, दोनों भाई उस समय एक दुसरे को देखने के लिए बेचैन थे. और पुल के बिच में दोनों ने एक दुसरे को गले लगाया.
वे मुड़े और उन्होंने देखा की वो बढई कंधे पर अपना सामान लेकर जा रहा था. तभी बड़े भाई ने कहा, “कृपया रुको! कुछ दिन और रुको. मेरे पास तुम्हारे लिए और भी काम है. तब बढई ने कहा की उसे वहा रुकना और रहना निच्छित ही अच्छा लगेगा, लेकिन मुझे इस तरह के और भी बहोत से पुल बनाने है.
सीख-
रिश्तो को तोडना बहोत आसान है लेकिन बनाये रखना बहोत मुश्किल. हमें जीवन में सभी के प्रेम भावना के साथ पेश आना चाहिये. रिश्तो में अनबन तो होते ही रहती है लेकिन हमें उस समय रिश्तो को तोड़ने की बजाये जोड़ने का काम करना चाहिये.
और इसी तरह का प्रेरणास्पद काम बढ़ई ने किया था.



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