kab kiya kole kaisa bole
एक बार मैं घूमने गया. वहां लोगों ने बताया की यहाँ एक ऐसा स्थान है जहाँ से बोलने से सबकी आवाज़ 3 से 5 गुना लौट कर आती है, ऐसे स्थान को हम लोग ECHO Point (आवाज़ का गूंजना) भी कहते हैं. लोगों ने यह भी बताया कि इस जगह से जो भी बोलेंगे वह बात 3 से 5 बार गूंज गूंज कर वापस आएगी और मुझे तो सुनाई देगी ही देगी, यहाँ पर हम सब लोगों को भी सुनाई देगी। मैंने भी ऐसा करने की सोची और दो बार आवाज़ लगाई और जो जो बोला और उसकी आवाज़ किस तरह से गूंजी और सबको सुनाई दी, वह इस प्रकार है :-
1) मैंने पहली बार आवाज़ लगाई - तुम अच्छे हो.
वहां से आवाज़ लौट कर आई और सबने सुनी - तुम अच्छे हो, तुम अच्छे हो, तुम अच्छे हो, तुम अच्छे हो, तुम अच्छे हो.
वहां से आवाज़ लौट कर आई और सबने सुनी - तुम अच्छे हो, तुम अच्छे हो, तुम अच्छे हो, तुम अच्छे हो, तुम अच्छे हो.
2) मैंने दूसरी बार आवाज़ लगाई - तुम गंदे हो.
वहां से आवाज़ लौट कर आई और सबने सुनी - तुम गंदे हो, तुम गंदे हो, तुम गंदे हो, तुम गंदे हो, तुम गंदे हो.
वहां से आवाज़ लौट कर आई और सबने सुनी - तुम गंदे हो, तुम गंदे हो, तुम गंदे हो, तुम गंदे हो, तुम गंदे हो.
(मित्रों यहाँ महत्वपूर्ण ये है कि आवाज सिर्फ मैंने अकेले लगाई थी, पर जब वो लौट कर आई तो सबने सुनी।
मित्रों, ये पूरी सृस्टि भी एक ECHO System पर काम करती है, हम दूसरों के लिए जो भी बोलेंगे, दूसरों से जैसा व्यव्हार करेंगे, दूसरों की जो भी मदद करेंगे, जो भी करेंगे अच्छा या बुरा, वो हमारे पास या हमारे किसी करीबी के पास गूंज गूंज कर लौट कर आएगा ही आएगा, बस इसमें एक SUSPENSE है कि - कब आएगा, कैसे आएगा, कितना आएगा, यह कोई नहीं जानता ?? पर यह इस बात पर निर्भर होगा कि हम अपने रोज़ के कर्म किस दिशा में ले कर जा रहे हैं.
जैसे कि हर काम, हाँ मित्रों हर काम करने से पहले हमारे पास दो choice होती है जो हमारी Destiny (भाग्य) तय करती है.
जैसा की ऊपर वाले Example में मैंने किया, अच्छा भी बोला और बुरा भी बोला, दोनों ही Case में Result हम सभी के सामने था.
किसी ने सही कहा है :-
पत्ते फूल को कितना भी छुपाने की कोशिश करें, फूल की खुशबू हवा की दिशा में बहती ही बहती है. उसी तरह कबाड़ की बदबू भी हवा की दिशा में बहती है.
पत्ते फूल को कितना भी छुपाने की कोशिश करें, फूल की खुशबू हवा की दिशा में बहती ही बहती है. उसी तरह कबाड़ की बदबू भी हवा की दिशा में बहती है.
अब एक महत्रपूर्ण बात - फूल की खुशबू और कबाड़ की बदबू तो चलो हवा की दिशा में बहती है पर इंसान के द्वारा बोली गई बातें और किये हुए काम अच्छे या बुरे हर दिशा में 3 से 5 गुना नहीं, बल्कि हजारों गुना गूंज गूंज कर फैलते है।
मित्रों जो बोलें, जब बोलें, जिसके बारे में बोलें या जो करें, जब करें, जिसके लिए करें, ध्यान रहे वो अच्छा हो या बुरा, आगे गूंज गूंज कर जायेगा ही जायेगा।
कोई भी बात Secret एक ही Condition में रह सकती है जब वो बात सिर्फ और सिर्फ आपको पता हो.
अगर बात आपके मुँह से निकली तो सामने वाले को आप कितनी भी कसमें खिलवा दें वो हवा में चारों तरफ गूंज गूंज कर फलेगी ही फलेगी.
आपके द्वारा किया हुआ कोई भी काम आप कितना भी छुपा लें वो हवा में चारों तरफ गूंज गूंज कर फैलेगा ही फैलेगा.
इसलिए मित्रों जब उस बात ने चारों तरफ गूंज गूंज कर फैलना ही है तो क्योँ न दूसरों के बारे में अच्छी बातें फैलाएं, उनके बारे में अच्छा बोलें, उनके लिए अच्छा काम करें, क्या जरुरत है दूसरों के बारे में बुरी-बुरी बातें बोलने की या उनके रास्तों में गड्ढे खोदने की जबकि एक न एक दिन पता लग ही जाना है कि ये बातें किसने फैलाई या ये काम किसने किया।
हम अच्छे तो जग अच्छा ..........
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