मित्रों, 27 जुलाई 2015 का दिन हम सबके लिए एक दुखद सन्देश लेकर आया. वो महान व्यक्तित्व, जिनसे हमें प्रेरणा मिली, जिनसे कुछ कर गुजरने की सीख मिली, हमारे आदर्श व्यक्तियों के शीर्ष रहे डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम हमें हमेशा-हमेशा के लिए छोड़कर चले गए.. मिसाइल मैन के नाम से जाने वाले कलाम साहब ने कल इस दुनिया में आखिरी सांसें ली.
पूर्व राष्ट्रपति डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का आदर्शमय जीवन, हम सभी के लिए हमेशा से प्रेरणास्पद रहा है, उनकी बातें नई दिशा दिखाने वाली हैं, उन्होंने करोड़ों आँखों को बड़े सपने देखना सिखाया है, वे कहते थे, “इससे पहले कि सपने सच हों आपको सपने देखने होंगे। “
डॉ कलाम प्रत्येक सप्ताह घंटों देश के बच्चों के साथ उनके भविष्य के विषय में सोचते हुए तथा उनके द्वारा विचारणीय विषयों पर चर्चा करते हुए व्यतीत करते थे. सैकड़ों बच्चे उन्हें प्रतिदिन पत्र लिखते और वो सभी पत्रों का जवाब देने का प्रयास करते थे.. इन्हीं पत्रों में से चयन करके एक किताब भी बनाई गई है.
यहाँ हम आपके साथ ऐसे ही कुछ प्रश्न और उनके उत्तर शेयर कर रहे हैं :
धनराज, कसारगढ़ नगर के कक्षा आठवीं का छात्र
प्रश्न:- आपका पूरा नाम क्या है? और विद्यालय में आपका सबसे अच्छा मित्र कौन था?
कलाम– मेरा पूरा नाम अब्दुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम है.. स्कूल के दिनों में पाक्शी रामानाथ शास्त्री मेरा सबसे अच्छा मित्र था..
भूमि जोशी, छात्रा 11वीं, इंस्टीट्यूशन कोटक
प्रश्न:- ‘भाग्य की कृपा’ कितनी आवश्यक है?
कलाम– कठिन परिश्रम पहले आता है.. भाग्य तुम्हारा साथ देगा जब तुम कठिन परिश्रम से लगे रहोगे.. एक प्रसिद्ध कहावत है, “ईश्वर उन्हीं की मदद करते हैं, जो अपने स्वयं की मदद करता है.” एक अन्य कहावत यह भी है, कि रातों-रात सफल बनने के लिए कई वर्षों तक कठिन परिश्रम करना पड़ता है.
देवेश रंजन, एन. आई. सी. संस्थान, नई दिल्ली
प्रश्न:- कृपया मुझे बतलाइये, दुनिया का सबसे पहला वैज्ञानिक कौन है ?
कलाम:- विज्ञान जन्म लेता है, और जीता है केवल प्रश्नों द्वारा.. विज्ञान की पूरी आधारशिला प्रश्न करना है. और जैसे कि माता-पिता और अध्यापकगण अच्छी तरह जानते हैं, बच्चे कभी भी न समाप्त होने वाले प्रश्नों के स्रोत हैं, इसलिए बच्चा सबसे पहला वैज्ञानिक है.
बी. इशिता, छात्र-11वीं, सेंट बेस्ड स्कूल, चेन्नई
प्रश्न:- विज्ञान और गणित के विभिन्न सूत्र याद रखने के पीछे क्या रहस्य है?
कलाम:– स्थिर भाव से बार-बार पुनरावृत्ति मतलब बार-बार अभ्यास के द्वारा कोई भी विज्ञान और गणित के सूत्र याद रख सकता है.
उमांग देव, छात्र 9वीं, सिलकन अकादमी, मुम्बई
प्रश्न:- आपके जीवन का सबसे अधिक खुशी का दिन कौन-सा था?
कलाम:- एक बार मैं पोलियो से प्रभावित व्यक्तियों के लिए हल्का भार उठा पाने की प्रतिक्रिया (FRO’S) पर चिकित्सकों के साथ प्रयोग कर रहा था. प्रयोग के दौरान जब बच्चों ने दौड़ना, चलना, और पैडल मारकर साइकिल चलाना आरम्भ किया तो उनकी गतिशीलता देखकर उनके माता-पिता की आँखें भर आईं.. उन सबके चेहरे की प्रसन्नता से मुझे बहुत ज्यादा खुशी हुई..
आर. अरविन्द छात्र कक्षा 3, सेंट बेड्स स्कूल, चेन्नई
प्रश्न:- क्या आप अपने बचपन की कोई न भूल सकने वाली घटना बता सकते हैं!
कलाम:- मैं अपने कक्षा पांचवीं के शिक्षक श्री शिवसुब्रमण्यम अईय्यर को याद करता हूँ. वह अपने व्याख्यान में पढ़ा रहे थे पक्षी कैसे उड़ते हैं.. उन्होंने हमें रामेश्वरम के समुद्र तट पर जीवंत उदाहरण से दिखाया.. यह एक अविस्मरणीय अवसर था जो हमेशा मेरी याद को ताजा रखती है.. यह मुझे विज्ञान के अध्ययन को आगे बढ़ाने में मेरी सहायता करती है.
अभिलाष वर्मा, कक्षा 8वीं, पुलिस मार्डन स्कूल एटवा.
प्रश्न:- आप हमारे आदर्श व्यक्ति हैं, एक अच्छा इंसान बनने के लिए हमें कुछ सुझाव दीजिये.
कलाम:- कठिन परिश्रम तथा आध्यात्मिक के साथ-साथ संयुक्त वैज्ञानिक व्यवहार तुम्हें एक अच्छा इंसान बनाएगा.. बस दूसरों से अच्छाई प्राप्त करने का प्रयास करो…
हर्ष चांडक, कक्षा 7वीं, डॉ. राधाकृष्णन विद्यालय, मुम्बई
प्रश्न:- आप प्रतिवर्ष बहादूरी का पुरूस्कार देते हैं; ‘साहस की’ आपकी परिभाषा क्या है?
कलाम:- अपने स्वयं की सुरक्षा की परवाह न करते हुए, दूसरों को विपत्ति से बचाना साहस है.
मास्टर राहुल मेहता, कक्षा 8वीं अहमदाबाद और तेजेश सावंत, कक्षा 9वीं केम्ब्रिज अँधेरी बाम्बे,
प्रश्न:- भारत के नागरिकों के लिए आपका क्या सन्देश है?
कलाम:- युवाओं के लिए मेरा दस बिंदुओं में शपथ है जो मैं सामान्यतः दिलाता हूँ और वह निम्न हैं:-
१. मैं अपनी शिक्षा पूरी करूँगा या कार्य समर्पण के साथ करूँगा और मैं इनमे श्रेष्ठ (अग्रणी) बनूँगा.
२. अब से आगे बढ़कर, मैं कम से कम दस लोगों को पढ़ना और लिखना सिखाऊंगा, उन्हें जो पढ़ लिख नहीं सकते.
३. मैं कम से कम दस नये पौधे लगाऊंगा और पूरी जिम्मेदारी से उनकी वृद्धि निश्चित करूँगा.
४. मैं निश्चित रूप से अपने मुसीबत में पड़े साथियों के दुःख को दूर करने की कोशिश करूँगा.
५. मैं ग्रामीण या शहरी क्षेत्रों की यात्रा करूँगा तथा कम से कम पांच लोगों को नशा तथा जुए से पूर्णतः मुक्ति दिलाऊंगा.
६. मैं ईमानदार रहूँगा और भ्रष्टाचार से मुक्त समाज बनाने की पूरी कोशिश करूँगा.
७. मैं एक सजग नागरिक बनने का कार्य करूँगा तथा अपने परिवार को कर्मठ बनाऊंगा.
८. मैं किसी धर्म, जाति या भाषा में अंतर का समर्थन नहीं करूँगा.
९. मैं हमेशा ही मानसिक और शारीरिक चुनौती प्राप्त विकलांगों से मित्रवत रहूँगा तथा उन्हें हम जैसे सामान्य महसूस कर सकें ऐसा बनाने के लिए कठिन परिश्रम करूँगा.
१०. मैं अपने देश तथा अपने देश के लोगों की सफलता पर गर्व उत्सव मनाऊंगा.
अच्छीखबर की पूरी टीम, सभी पाठकों की तरफ से आज हम कलाम साहब को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं.. उन जैसा महान व्यक्ति सहस्त्रों वर्षों में एक बार जन्म लेता है.. ऐसी महान आत्मा को हमारा नमन.. हम सबको उन्हें खोने का बहुत दुःख है… सचमुच कलाम साहब का जीवन हम सब के लिए एक सबक है.. उनकी बातें मुर्दों में भी जान फूंक देने वाली हैं.. आज भले वो हमारे बीच न हों पर हमारी यादों में वे सदा जीवित रहेंगे।
आइये हम उनके आदर्शों को अपनाएं, और देश हित में उनके दिखाए मार्ग पर चलने का प्रयास करें।
जय हिंद !
किरण साहू
रायगढ़ (छ.ग.
रायगढ़ (छ.ग.
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