भले ही हम जीवन मे कितने ही बड़े क्यूं ना हो जाएं हमे अपने धन का अभिमान नहीं करना चाहिये, और धन की तुलना ज्ञान से नहीं करनी चाहिये तथा अगर हम किसी ज्ञानी व्यक्ति से मिलते हैं तो हमे अपना अहम त्याग कर उनसे ज्ञान अर्पण करना चहिये। हमे सीखने मे किसी भी प्रकार की हिचकिचाहट नहीं दिखानी चाहिये तथा हमे अपने ज्ञान को भी दूसरों के साथ बांटना चाहिये क्योंकि ज्ञान बांटने से कयी गुना बढ़ता है।
ज्ञान अद्भुत धन है, ये आपको एक ऐसी अद्भुत ख़ुशी देती है जो कभी समाप्त नहीं होती। जब कोई आपसे ज्ञान प्राप्त करने की इच्छा लेकर आता है और आप उसकी मदद करते हैं तो आपका ज्ञान कई गुना बढ़ जाता है।शत्रु और आपको लूटने वाले भी इसे छीन नहीं पाएंगे यहाँ तक की ये इस दुनिया के समाप्त हो जाने पर भी ख़त्म नहीं होगी।
अतः हे राजन! यदि आप किसी ऐसे ज्ञान के धनी व्यक्ति को देखते हैं तो अपना अहंकार त्याग दीजिये और समर्पित हो जाइए, क्यूंकि ऐसे विद्वानो से प्रतिस्पर्धा करने का कोई अर्थ नहीं है।
अतः हे राजन! यदि आप किसी ऐसे ज्ञान के धनी व्यक्ति को देखते हैं तो अपना अहंकार त्याग दीजिये और समर्पित हो जाइए, क्यूंकि ऐसे विद्वानो से प्रतिस्पर्धा करने का कोई अर्थ नहीं है।
thanks....
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