Friday, October 9, 2015

एक विचार अनमोल विचार (क्रोध) 2

"क्रोध में हो तो बोलने से पहले दस तक गिनो, अगर ज़्यादा क्रोध में तो सौ तक।" ~ जेफरसन


"क्रोध एक प्रकार का क्षणिक पागलपन है।" ~ महात्मा गाँधी


"जो मनुष्य क्रोधी पर क्रोध नहीं करता और क्षमा करता है वह अपनी और क्रोध करनेवाले की महासंकट से रक्षा करता है।" ~ वेदव्यास


"सुबह से शाम तक काम करके आदमी उतना नहीं थकता जितना क्रोध या चिंता से पल भर में थक जाता है।"
~ जेम्स एलन


"क्रोध मूर्खों के ह्रदय में ही बसता है।" अल्बर्ट आइंस्टीन


"क्रोध और असहिष्णुता सही समझ के दुश्मन हैं।" ~ महात्मा गाँधी


"क्रोध को जीतने में मौन सबसे अधिक सहायक है।" ~ महात्मा गाँधी


"कोई भी क्रोधित हो सकता है- यह आसान है, लेकिन सही व्यक्ति से सही सीमा में सही समय पर और सही उद्देश्य के साथ सही तरीके से क्रोधित होना सभी के बस कि बात नहीं है और यह आसान नहीं है।" ~ अरस्तु


"क्रोध वह तेज़ाब है जो किसी भी चीज पर डाले जाने से ज्यादा उस पात्र को अधिक हानि  पहुंचा सकता है जिसमे वह रखा हुआ है।" मार्क ट्वेन



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