Tuesday, September 29, 2015


KAISA LAGA YE JARUR BATEYE.....

अब तो मैं 1000 रुपये लूंगा .......
फर्क सिर्फ समझ का है, और यही असली फर्क है.
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एक बहुत ही पढ़ा लिखा समझदार आदमी सामान लेकर किसी स्टेशन पर उतरा। उसनेँ एक टैक्सी वाले से कहा कि मुझे आदर्श कॉलोनी जाना है।
टैक्सी वाले ने उससे 500 रुपये मांगे। उस आदमी ने बुद्दिमानी दिखाते हुए कहा- इतने पास के पांच सौ रुपये, आप टैक्सी वाले तो लूट रहे हो। मैं अपना सामान खुद ही उठा कर चला जाऊँगा।
वह व्यक्ति काफी दूर तक सामान लेकर चलता रहा। कुछ देर बाद पुन: उसे वही टैक्सी वाला दिखा, अब उस आदमी ने फिर टैक्सी वाले से पूछाभैया अब तो मैने आधा से ज्यादा दुरी तर कर ली है तो अब आप कितना रुपये लेँगे?
टैक्सी वाले ने जवाब दिया- 1000 रुपये।
उस आदमी ने फिर कहा - पहले 500 रुपये, अब 1000 रुपये, ऐसा क्योँ।
टैक्सी वाले ने कहा - महोदय, इतनी देर से आप आदर्श कॉलोनी की उलटी दिशा में दौड़ लगा रहे हैं जबकि आदर्श कॉलोनी तो दुसरी तरफ है।
उस समझदार व्यक्ति ने कुछ भी नहीं कहा और चुपचाप टैक्सी में बैठ गया।
इसी तरह जिँदगी के कई मुकाम में हम किसी चीज को बिना गंभीरता से सोचे सीधे काम शुरु कर देते हैं, और फिर अपनी मेहनत और समय को बर्बाद कर उस काम को आधा ही छोड़ देते हैं। किसी भी काम को हाथ में लेने से पहले पुरी तरह सोच विचार ले कि क्या जो आप कर रहे हैं वो आपके लक्ष्य का हिस्सा है कि नहीं
हमेशा एक बात याद रखें कि दिशा सही होने पर ही मेहनत पूरा रंग लाती है और यदि दिशा ही गलत हो तो आप कितनी भी मेहनत कर लो, आपको उसका कोई लाभ नहीं मिल पायेगा। इसीलिए समझदारी के साथ दिशा तय करें और आगे बड़े, कामयाबी आपके हाथ जरुर थामेगी।
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आपको .......
सोच समझ कर काम करना है 
या 
सोच ....... कर काम करना है
फर्क सिर्फ समझ का है, और यही असली फर्क है.
हमेशा ध्यान रखिये यहाँ पर 3 शब्द जिनका अर्थ हैं :-
1) सोच - Thinking 
2)
समझ - Intellect 
3)
काम - Action
फर्क सिर्फ समझ का है, और यही असली फर्क है.


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