Sunday, February 5, 2017

Morning

*जन्म से ना तो कोई दोस्त पैदा* *होता है और ना ही दुश्मन।*
*वह तो हमारे घमंड, ताकत या* *व्यवहार से बनते है!*

*ज़िंदगी को अगर खुल कर जीना है* *तो*
*थोडा सा झुक कर तो*
*देखो फिर देखना*
*ये ईश्वर आपको कितना ऊँचा उठा* *देंगा..*

            *🌹दिल से लिखी बातें*
            *दिल को छू जाती हैं*
           
    *कुछ लोग मिलकर बदल जाते हैं*
                     *और*
          *कुछ लोगों से मिलकर*
          *जिन्दगी बदल जाती है.*
       
            🙏🏻   **

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