*जन्म से ना तो कोई दोस्त पैदा* *होता है और ना ही दुश्मन।*
*वह तो हमारे घमंड, ताकत या* *व्यवहार से बनते है!*
*ज़िंदगी को अगर खुल कर जीना है* *तो*
*थोडा सा झुक कर तो*
*देखो फिर देखना*
*ये ईश्वर आपको कितना ऊँचा उठा* *देंगा..*
*🌹दिल से लिखी बातें*
*दिल को छू जाती हैं*
*कुछ लोग मिलकर बदल जाते हैं*
*और*
*कुछ लोगों से मिलकर*
*जिन्दगी बदल जाती है.*
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