आप क्या लेना पसंद करेंगे ? उदासी या मुस्कान
Story of Buddha In Hindi
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के अनुसार विश्व में हर 40 सेकंड में एक व्यक्ति आत्महत्या करता है (One person dies by suicide every 40 seconds somewhere in the world). वही भारत में प्रत्येक दो मिनट में एक व्यक्ति आत्महत्या कर लेता है और यह दर लगातार बढ़ रही है|
ज्यादातर बिमारियों जैसे ह्रदय रोग आदि की मुख्य वजह डिप्रेशन ही होता है| अगर व्यक्ति मानसिक तौर पर स्वास्थ्य है तो वह किसी भी परिस्थिति का सामना कर सकता है जैसा कि मशहूर क्रिकेटर युवराज सिंह ने कैंसर से लड़कर किया|
अगर हम लोगों से उनके डिप्रेशन या तनाव की वजह पूछेंगे तो 5 में से 4 व्यक्ति यही कहेंगे कि उनके तनाव एंव परेशानियों की वजह कोई दूसरा व्यक्ति है| ज्यादात्तर लोगों के तनाव की वजह उनकी भावनात्मक अक्षमता या सहनशीलता की कमी होती है लेकिन उन्हें यही लगता है कि उनके तनाव का कारण दूसरे व्यक्ति है|
अगर हम लोगों से उनके डिप्रेशन या तनाव की वजह पूछेंगे तो 5 में से 4 व्यक्ति यही कहेंगे कि उनके तनाव एंव परेशानियों की वजह कोई दूसरा व्यक्ति है| ज्यादात्तर लोगों के तनाव की वजह उनकी भावनात्मक अक्षमता या सहनशीलता की कमी होती है लेकिन उन्हें यही लगता है कि उनके तनाव का कारण दूसरे व्यक्ति है|
गौतम बुद्ध के जीवन की प्रेरणादायक कहानी
Motivational Hindi Story of Gautam Buddha
एक बार गौतम बुद्ध किसी गाँव से गुजर रहे थे| उस गाँव के लोगों को गौतम बुद्ध के बारे में गलत धारणा थी जिस कारण वे बुद्ध को अपना दुश्मन मानते थे| जब गौतम बुद्ध गाँव में आये तो गाँव वालों ने बुद्ध को भला बुरा कहा और बदुआएं देने लगे|
गौतम बुद्ध गाँव वालों की बातें शांति से सुनते रहे और जब गाँव वाले बोलते बोलते थक गए तो बुद्ध ने कहा – “अगर आप सभी की बातें समाप्त हो गयी हो तो मैं प्रस्थान करूँ”
बुद्ध की बात सुनकर गाँव वालों को आश्चर्य हुआ| उनमें से एक व्यक्ति ने कहा – “हमने तुम्हारी तारीफ नहीं की है| हम तुम्हे बदुआएं दे रहे है| क्या तुम्हे कोई फर्क नहीं पड़ता????”
बुद्ध की बात सुनकर गाँव वालों को आश्चर्य हुआ| उनमें से एक व्यक्ति ने कहा – “हमने तुम्हारी तारीफ नहीं की है| हम तुम्हे बदुआएं दे रहे है| क्या तुम्हे कोई फर्क नहीं पड़ता????”
बुद्ध ने कहा – जाओ मैं आपकी गालियाँ नहीं लेता| आपके द्वारा गालियाँ देने से क्या होता है, जब तक मैं गालियाँ स्वीकार नहीं करता इसका कोई परिणाम नहीं होगा| कुछ दिन पहले एक व्यक्ति ने मुझे कुछ उपहार दिया था लेकिन मैंने उस उपहार को लेने से मना कर दिया तो वह व्यक्ति उपहार को वापस ले गया| जब मैं लूंगा ही नहीं तो कोई मुझे कैसे दे पाएगा|
बुद्ध ने बड़ी विनम्रता से पूछा – अगर मैंने उपहार नहीं लिया तो उपहार देने वाले व्यक्ति ने क्या किया होगा|
भीड़ में से किसी ने कहा – उस उपहार को व्यक्ति ने अपने पास रख दिया होगा|
बुद्ध ने कहा – मुझे आप सब पर बड़ी दया आती है क्योंकि मैं आपकी इन गालियों को लेने में असमर्थ हूँ और इसलिए आपकी यह गालियाँ आपके पास ही रह गयी है|
दोस्तों भगवान गौतम बुद्ध के जीवन की यह छोटी सी कहानी हमारे जीवन में एक बड़ा बदलाव ला सकती है क्योंकि हम में से ज्यादात्तर लोग यही समझते है कि हमारे दुखों का कारण दूसरे व्यक्ति है| हमारी परेशानियों या दुखों की वजह कोई अन्य व्यक्ति नहीं हो सकता और अगर हम ऐसा मानते है कि हमारी परेशानियों की वजह कोई अन्य व्यक्ति है तो हम अपनी स्वंय पर नियंत्रण की कमी एंव भावनात्मक अक्षमता को अनदेखा करते है|
यह हम पर निर्भर करता है कि हम दूसरों के द्वारा प्रदान की गयी नकारात्मकता को स्वीकार करते है या नहीं| अगर हम नकारात्मकता को स्वीकार करते है तो हम स्वंय के पैर पर कुल्हाड़ी मारते है|
यह हम पर निर्भर करता है कि हम दूसरों के द्वारा प्रदान की गयी नकारात्मकता को स्वीकार करते है या नहीं| अगर हम नकारात्मकता को स्वीकार करते है तो हम स्वंय के पैर पर कुल्हाड़ी मारते है|
thanks....
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