Tuesday, October 20, 2015

गूगल सीईओ सुंदर पिचई की सफलता की कहानी।


अभी पिछले साल की ही बात है गूगल ने सुंदर पिचाई को अपने सभी फोर-फ्रंट प्रोडक्ट का इंचार्ज बनाया था जिनमें यू-ट्यूब को छोड़ कर गूगल के सभी बड़े प्रोडक्ट शामिल थे। तब वे गूगल के को-फाउंडर (Google Co founder) लैरी पेज (Larry Page) के बाद कंपनी में दूसरे नंबर के सबसे ताकतवर अधिकारी बन गए थे। और तभी से यह कयास लगाए जाने लगे थे कि जल्द ही उनकी काबि‍लियत को देखते हुए कभी भी उनकी नियुक्ति Google CEO के रूप में हो सकती है। और वह दिन अब सबके सामने हैं। एक भारतीय मूल के व्यक्ति का यहां तक पहुंचना निश्चय ही सभी भारतीयों के लिए गर्व का विषय है।

Sundar Pichai Google CEO
सुंदर पिचई का जन्म एवं बचपन:
सुंदर पिचाई का असली नाम पिचाई सुंदराजन है। इनका जन्म 12 जुलाई 1972 को चेन्नई में हुआ था। इनके पिता का नाम रघुनाथ पिचई है और वे भी एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं। इनके पिता ने अपनी पढ़ाई ब्रिटिश इंडिया में की थी और वर्तमान में इनकी इलेक्ट्रिकल कॉम्पोनेन्ट की फैक्ट्री है।

पिचई का प्रारंभ से पढाई में होश‍ियार थे। इन्हें क्रिकेट में काफी रूचि थी और अपनी स्कूल टीम के कैप्टन भी थे। एक क्रिकेट खि‍लाड़ी के रूप में इन्होंने कई मैडल जीते, जिसे देखकर ही इनके मां-बाप को अंदाजा हो गया था कि आगे चलकर उनका बेटा परिवार का नाम रौशन करेगा। 

पिचाई की पढ़ाई की शुरूआत पदमा सेशाद्री बाला भवन से हुई। इन्हों ने आई.आई.टी. खड़गपुर से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद अपने गुरूजनों की सलाह पर ये स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी चले गये और वहां पर विज्ञान विषय से पी-एच.डी. कम्प्लीट की। लेकिन पिचई का शुरू से रूझान एम.बी.ए. में था। इसलिए इन्होंने पेंसिलवेनिया विश्वविद्यालय में एम.बी.ए. में दाखि‍ला लिया और एम.बी.ए. की डिग्री प्राप्त की।

गूगल ज्वॉइन करने से पहले:
गूगल ज्वाइन करने से पहले पिचई का जीवन काफी उथल-पुथल भरा रहा। इन्हें हायर स्टडी के लिए अनेक ऑफर मिले, लेकिन पिचई ने उन्हें ठुकना दिया। इसी के साथ ही इन्होंने कई बड़ी कंपनियों के जॉब ऑफर भी शुरूआत में ठुकराए, जिनमें स्टेनफोर्ड में इंजिनियर, एप्लाइड मैनेजर, सिलिकॉन वैली में सेमीकंडकटर मेकर की जॉब प्रमुख हैं। इसकी शायद प्रमुख वजह यही थी पिचई दूरदृष्टि सम्पन्न व्यक्ति हैं और वे छोटे-मोटे जॉब में फंस कर अपने सपनों को कुंठित नहीं होने देना चाहते थे।
 
सुंदर पिचई का गूगल से जुड़ाव: 
अपनी पढाई कम्प्लीट करने के बाद पिचई ने सन 2004 में सर्च टूलबार (Search toolbar) के टीम मेम्बर के रूप मेंं गूगल ज्वाइन किया। इनके कार्य करने की शैली से गूगल के अध‍िकारी बहुत प्रभावित हुए और इन्हीं के सुझाव पर गूगल ने अपना खुद का ब्राउज़र लाने का निश्चय किया। पिचई ने गूगल क्रोम ब्राउजर (Chrome Browser) परियोजना में महत्वपूर्ण रोल निभाया। उनके निर्देशन में ही गूगल क्रोम की शुरुआत हो सकी। इसके साथ ही उन्होंने 2013 में गूगल की एंड्राएड (Android) परियोजना की कमाल संभाली और अपना उत्कृष्टम योगदान दिया।

पिचाई की योग्यता को ध्यान में रखते हुए पिछले साल ही लैरी पेज ने इन्हें गूगल के सभी बड़े प्रोडक्ट का इंचार्ज बना दिया, जिसमें सर्च (Google Search), मैप (Google Map), गूगल+ (Google Plus), कॉमर्स (Google Commerce), एजवरटाइजिंग (Google Advertisement) जैसे क्षेत्र शामिल थे। पिचाई में अपनी निष्ठा के बल पर न सिर्फ इन सारे कार्यों को सफलतापूर्वक निपटाया, बल्िक आज गूगल के सीइीओ जैसे सर्वोच्च पद पर पहुंच गये हैं। 

इसके साथ ही पिचाई भारतीय मूल के उन लोगों में शामिल हो गये हैं, जो 400 अरब डॉलर कारोबार करने वाली अन्तर्राष्ट्रीय कंपनियों के शीर्ष अध‍िकारी हैं। इस सूची में पहले से माइक्रोसाॅफ्ट के सत्य नडेला (Satya Nadella), पेप्सिको की इंद्रा नूयी (Indra Nooyi), एडोब के शांतनु नारायण Sshantanu Narayen), मास्टर कार्ड के अजय बंगा (Ajay Banga) जैसे अनेक नाम पहले से ही शामिल हैं।

निश्चय ही सुंदर पिचई भारतीयों के नए रोल मॉडल हैं और ये आने वाले दिनों में उनके लिए प्रेरणा का काम करते रहेंगे।

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