थॉमस एडिसन ने बल्ब को जलाने के अपने प्रयासों में करीब 2000 अलग अलग धातुओ पदार्थो का इस्तेमाल किया. और अंत मैं जब कुछ भी काम न आया तो उनके sathi ने उनसे कहा की हमरा सारा कार्य विफल हुआ, हमारी मेहनत बेकार गयी.
एडिसन अपने मनोबल के साथ बोले, “हम कहा विफल हुए है दोस्त, हम बहुत दूर तक अ चुके है. हमने बहुत कुछ सिखा है. शुरुआत में हमें कुछ भी जानकारी नहीं थी. पर अब हम उन 2000 तत्वों को जानते है. जिनसे एक अच्छा लाइट बल्ब नहीं बनाया जा सकता.”
एडिसन अपने मनोबल के साथ बोले, “हम कहा विफल हुए है दोस्त, हम बहुत दूर तक अ चुके है. हमने बहुत कुछ सिखा है. शुरुआत में हमें कुछ भी जानकारी नहीं थी. पर अब हम उन 2000 तत्वों को जानते है. जिनसे एक अच्छा लाइट बल्ब नहीं बनाया जा सकता.”
और अपने कम में फिर जुट गए कुछ सप्ताह के बाद उन्होंने bulb का अविष्कार किया.
हम चाहे तो अपने चुने हुए कार्य को पूरा कर सकते है. शिक्षा तो यही है, हम कर सकते है. यदि “हम चाहे”.
हम चाहे तो अपने चुने हुए कार्य को पूरा कर सकते है. शिक्षा तो यही है, हम कर सकते है. यदि “हम चाहे”.
क्या आप चाहते है? तो बस जुट जाइए.
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